कविताएं यादें मै तुम्हें फिर मिलूंगा admin October 31, 2022 ये जिस्म ख़त्म होता है तो सबकुछ खत्म हो जाता है पर यादों के धागे कायानात के लम्हों की तरह होते हैं मैं उन लम्हों को चुनूंगा उन धागों को समेट लुंगा मैं तुम्हें फिर मिलूंगा कहां कैसे पता नहीं (अमृता प्रीतम जी -‘मै तुम्हें फिर मिलूंगी’ ) Continue Reading Previous: राजेन्द्र यादव जी की स्मृति मेंNext: सीबलु 1 thought on “मै तुम्हें फिर मिलूंगा” Miss u bhaiya Reply Leave a Reply to बेनामी Cancel replyYour email address will not be published. Required fields are marked *Comment * Name * Email * Website Δ Related News मैंने जो पढ़ा यादें इक यायावर admin September 1, 2023 यादें हम सभी admin August 6, 2023 कविताएं यादें दूर आकाश एक सितारा admin July 15, 2023
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