
भारत में आगामी 15 वर्षों में उच्च शिक्षा लागत में वृद्धि का वर्षवार एक रिपोर्ट।
OUTLOOK MONEY के अंग्रेजी के नवम्बर 2023 वाले अंक में, भारत में आगामी वर्षों में बच्चों के उच्च शिक्षा पर आने वाले खर्च पर एक कवर स्टोरी छपी है।
जायदीप सेन कारपोरेट ट्रेनर व लेखक हैं। आउट लुक मनी के नवम्बर 2023 के अंक में भारतीय रिजर्व बैंक के एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए, वे बताते हैं कि भारतीयों के सेविंग का ग्राफ पिछले पांच दशकों के सबसे निचले स्तर पर चला गया है।
इस रिपोर्ट के बरक्स जबकि शिक्षा महंगी होती जा रही है, आगे के सालों में शिक्षा कितनी खर्चीली हों जाएगी। उसी का एक रिपोर्ट आउटलुक मनी पत्रिका में है।
इस रिपोर्ट में आगे के सालों में उच्च शिक्षा के खर्च बढ़ोतरी को दर्शाया गया है। जिसे आप आगे देख सकते हैं।
सरकारी/चर्चित सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों में खर्च-
2023 (आज) में खर्च- रू 5 से 10 लाख
2029 (6 वर्ष बाद) में खर्च- रू 8 से 17 लाख
2034 (11 वर्ष बाद) में खर्च- रू 14 लाख से 28 लाख
2038 (15 वर्ष बाद) में खर्च- रू 21 लाख से 42 लाख
2. प्राइवेट इंजीनियरिंग कालेज खर्च
2023 में खर्च- रू 12 लाख
2029 में खर्च- रू 21 लाख
2034 में खर्च- रू 34 लाख
2038 में खर्च- रू 50 लिख
3. सरकारी मेडिकल कालेज खर्च
2023 में खर्च- रू 4 लाख
2029 में खर्च- रू 7 लाख
2034 में खर्च- रू 11 लाख
2038 में खर्च- रू 16 लाख
4.प्राइवेट मेडिकल कालेज खर्च
2029 में खर्च- रू 88 लाख
2034 में खर्च – रू 1.42 करोड़
2038 में खर्च – रू 2 करोड़
5. मैनेजमेंट कोर्स खर्च
2023 में खर्च – रू 20 लाख
2029 में खर्च – रू 35.43 लाख
2034 में खर्च – रू 57 लाख
2038 में खर्च – रू 83.54 लाख

शिक्षा की महंगाई
बाल बच्चेदार है। तो शिक्षा के इस बढ़ते लागत पर कुछ सोचिए। कैसे पार पाया जाय इस महंगी शिक्षा से, कैसे बचत करें कि बच्चों को हम उच्च शिक्षा में कोई दिक्कत न आने दें।
what to do if you don’t have enough saving?’
शिक्षा पर आने वाले इस खर्च तक पहुंच पाने की क्षमता नहीं है तो आउट मनी के कवर स्टोरी के एक लेख ‘ what to do if you don’t have enough saving?’ में तीन बातें सुझाई गई है।
1. स्कालरशिप के अनेक सरकारी व गैर सरकारी व्यवस्था है। जिसका लाभ लिया जा सकता है।
2. पार्ट टाइम कार्य कर धन इकट्ठा कीजिए
3.शैक्षणिक लोन लीजिए। जो बैंकों द्वारा उच्च शिक्षा हेतु उपलब्ध कराया जाता है।
इसके अतिरिक्त पेरेंट्स को सुझाया गया है कि वह बहुत जल्दी बचत करना शुरु कर दें ।इन्वेस्टमेंट में diversify लाए तथा एक बीमा कवर लें ले।
रू50000 से एक लाख तक महिने वेतन वाले तक के लिए इस खर्च के भरपाई करने में ही सेविंग बचेगा ही नहीं।
करोड़ों के खर्च तक पहुंचने हेतु ये मजाक जैसे ही लगता है। जब रोजगार के लाले पड़े हों। जो रोजगार मिल रहें हैं वो संविदा या ठेकदारी वाले। जिसमें मिलने वाले पैसे से परिवार का पेट भर लें वहीं काफी है।
खर्च पर सोच-विचार
अब इतना कुछ शैक्षणिक खर्च बढ़ने के बाद इन बातों पर बस चर्चा करने को रह जाता है..
1.शिक्षा शुल्क में ये बढ़ोतरी हमारे परिवारों पर क्या प्रभाव डालता है।
2. मुद्रास्फीति और आर्थिक कारक- कितना बड़ा कारण है शिक्षा की इस महंगाई का।
3. सरकारी नीतियां- कितना सहयोगी है हमारे इस खर्चे से निजात पाने में4।
शिक्षा पर लिया गया कर्ज- बाद में छात्रों तथा उसके परिवार पर कैसा प्रभाव डालता है।
5. सामाजिक और आर्थिक और असमानता – का कारण तो नहीं बनती जा रही है यह महंगी शिक्षा।