
सीखते रहना अपने खुद के तथा किसी भी व्यवसाय के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। आज जितनी तेजी से दुनिया बदल रही है, उतना ही तेजी व प्रभावी ढंग से सीखना महत्वपूर्ण हो गया है।
देखा जाए तो लोग अपनी जानकारी को बढ़ाने के लिए मेहनत करते हैं। नई-नई चीजें जानने के लिए बहुत ही उत्साहित रहते हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में हम अपने सीखने की ताकत बढ़ाने एवं इसी के अनुभव का अधिक से अधिक लाभ उठाने के उपायों का पता लगाएंगे।
अपना ग्रेड सुधारने की कोशिश वाले छात्र हो। चाहे अपने कार्य क्षेत्र में आगे रहने की इच्छा रखने वाला कोई कर्मचारी हो, या कोई ऐसा जो अपने ज्ञान और कौशल को बढ़ाना चाहता हो, आगे जो सुझाव है हम सभी को एक कुशल छात्र/व्यक्ति बनाने में मदद कर सकते हैं। ये सभी सुझाव वाली बातें मेरे द्वारा किताबों के पढ़ने-लिखने व अपने खुद के कुछ अनुभव पर आधारित है।
तो आगे अब हम अपने सीखने की शक्ति को बढ़ाने के पहले कुछ किताबी तरीकों को सीखेंगे। निश्चित रूप से सीखने की आपकी शक्ति को बढ़ाने के लिए कुछ अच्छे सुझाव दिए गए हैं:
सीखने की प्रवृत्ति विकसित करे:
अपने दिमाग (मानसिकता) को चुनौतियों से डटकर सामना करने हेतु सीखने की प्रवृत्ति वाला बनाना होगा। असफलताओं से घबराना नहीं है। बल्कि अपनी कमियों को ढूंढकर और मजबूती से चुनौतियों का सामना करना होगा। आगे बढ़ने और आपकी सीखने की ललक आपको इन चुनौतियों से लड़ने के लिए उत्साहित करती रहेगी। इससे आपको किसी भी प्रकार की बाधा को दूर करने में आसानी होगी।

व्यवस्थित रहें:
आप जो कुछ भी सीखते हैं उस पर नजर रखें। आपके पढ़ाई या किसी भी कार्य क्षेत्र में अव्वल रहने हेतु अपनी सिखलाई को अप टु डेट (ताजा) रखें। इन सब के लिए आप एक नोटबुक रख सकते हैं। जिसमें सिखलाई दर्ज कर अपनी प्रगति व्यवस्थित रख सकते हैं। इससे आप ज्यादा अभिभूत नहीं होंगे जिससे सीखने प्रवृत्ति में लापरवाही आने लगती है।
काम से आराम ले:
लागातार काम करने/सीखते रहने से उकताहट आ जाती है। हमें अपनी मस्तिष्क को आराम देना चाहिए। ऐसा करना हमारे काम करने के फोकस को बढ़ाता है।
सीखते समय आपको अपने सभी इन्द्रियों को आजमाना चाहिए। जैसे आप पढ़ते-पढ़ते थक चुके हों तो सुनना चालू कर दीजिए वीडियो देखना चालू कर दीजिए। इससे आप जानकारी को बेहतर बना सकते हैं तथा अलग-अलग इंद्रियों का इस्तेमाल कर थकावट व उकताहट से बच सकते हैं
लगातार सीखने का अभ्यास जारी रखें:
किसी भी जानकारी को केवल पढ़ने या सुनने के बजाय, इस जानकारी के साथ अपने को जोड़े। इस जानकारी को अपने नोट बुक में लिखें, मुख्य बिन्दुओं को रेखांकित करें, प्रश्न पुछे और जो आपने सीखा है उसे वास्तविक दुनिया में परिस्थितियों के अनुसार लागु करें।
कठिन जानकारी को आसान भागों में बांटे
जिस जानकारी को सीखने में कठिनाई है उसे आसान छोटे-छोटे भागों में बांट दें। इस काम में मेहनत तो लगेगी परन्तु इससे आपको इस जानकारी को समझने में आसानी रहेगा।
जब हम अपने कठिनाइयों में, उदासी और परेशानी के बावजूद मेहनत से आगे बढ़ते हैं। तो हममें बहुत ही अच्छे सुधार होते हैं। अगर आप अपने सीखने में नीरसता और मुश्किल पातें है। तो उसे होने दें बस आप अपना सीखना जारी रखें। आपको सफलता का पुरस्कार मिलेगा।
दूसरों को सिखाए:
आपने जो कुछ भी सीखा या जाना है उसे दूसरे को समझाने से आपकी समझ में एक मजबूती आती जाती है।आप चाहे तो अपनी सिखलाई अपने सोशल मीडिया/ब्लॉग पोस्ट्स पर लिख भी सकते हैं।
अब सच कहूं तो यह जो कुछ भी मैं लिख रहा हूं। अपने को ऊपर के सभी क्रियाकलापों से अप टू डेट करने के लिए, ताकि मैं किसी भी प्रकार के लापरवाह रहन-सहन से पूरी तरह अकर्मण्यता में न घिर जाऊं। अच्छी सीखों को कहीं एक जगह नोट करने की या दूसरों को बताने/समझाने से हममें परिपक्वता आ जाती है।
ऊपर के इन उपायों का पालन करके हम अपनी सीखने की क्षमता बढ़ा सकते हैं। हां लेकिन एक बात हमेशा याद रखें कि हर कोई किसी एक प्रकार का तरीका अपना के सफल नहीं हो सकता है। इसलिए अलग-अलग तरीकों को अपनाकर देखें कि आपके लिए सबसे आसान तरीका क्या है।

प्रत्येक दिन के अध्यन की आदत और एक लक्ष्य का निर्धारण करके, हम अपने सीखने की आदत को अपने रोजमर्रा की कार्यों में शामिल कर सकते हैं। हमें सीखने की आदत को प्राथमिकता देनी चाहिए। एक ऐसी योजना बनानी चाहिए जो हमारे लिए काम करें, और हम उसके लिए प्रतिबद्ध रहें।
समय और प्रयास के साथ हम सीखने की एक ऐसी आदत विकसित कर सकते हैं जो हमें आगे अपने चुने हुए क्षेत्र में बहुत ही सफल बना सकती है।